गुरु पूर्णिमा एक पवित्र त्योहार है जिसे हिन्दू, बौद्ध और जैन धर्म के अनुयायी मनाते है। शिष्य अपने गुरु को उपहार, फूल, फल या दान से आदर्शित करते हैं।
गुरु पूर्णिमा एक पवित्र त्योहार है जिसे हिन्दू, बौद्ध और जैन धर्म के अनुयायी मनाते है। शिष्य अपने गुरु को उपहार, फूल, फल या दान से आदर्शित करते हैं। गुरु पूर्णिमा एक पवित्र त्योहार है जिसे हिन्दू, बौद्ध और जैन धर्म के अनुयायी मनाते हैं। यह त्योहार हिन्दू मास आषाढ़ (जून-जुलाई) के पूर्णिमा दिन को मनाया जाता है। इस त्योहार का उद्देश्य आध्यात्मिक और शैक्षिक गुरुओं, आचार्यों और मार्गदर्शकों के प्रति कृतज्ञता और सम्मान व्यक्त करना है। संस्कृत में "गुरु" शब्द का अर्थ होता है "अन्धकार का नाशक"। गुरु को मार्गदर्शक, ज्ञान का स्रोत और आध्यात्मिक शिक्षक माना जाता है जो अपने शिष्यों को प्रबुद्धि के मार्ग पर आगे बढ़ाते हैं। गुरु पूर्णिमा उन मान्यताओं का सम्मान करने का एक अवसर है। गुरु पूर्णिमा पर, शिष्यों को अपने गुरु के सम्मान में आश्रमों, मंदिरों और आध्यात्मिक केंद्रों में इकट्ठा होना होता है। इस दिन पूजापाठ, मंत्रों का पाठ और धार्मिक ग्रंथों की पाठशाला होती है। शिष्य अपने गुरु को उपहार, फूल, फल या दान से आदर्शित करते हैं। गुरु पूर्णिमा का महत्व राष्ट्रीय शिक्षा और शिक्षण के ...